Sir CV Raman's 125th birthday celebrated with a Google doodle
प्रसिद्ध भारतीय वैज्ञानिक सीवी रमन के जन्मदिन पर गूगल ने डूडल के जरिए उन्हें याद किया है। नोबेल और भारत रत्न पुरस्कार से सम्मानित रमन का फोटो Google.co.in पर डूडल में है। डूडल में फिजिक्स के प्रतीकों का इस्तेमाल करते हुए Google लिखा गया है। इस पर क्लिक करने पर सीवी रमन का गूगल सर्च पेज खुलता है।

चंद्रशेखर वेंकट रमन का जन्म 7 नवंबर, 1888 को तमिलनाडु में हुआ था। उनका निधन 21 नवंबर, 1970 को हुआ था। कम उम्र से ही उनकी रुचि फिजिक्स में हो गई थी।
प्रकाश के प्रकीर्णन और रमन प्रभाव के लिए उन्हें 1930 में फिजिक्स का नोबेल अवॉर्ड दिया गया। 1928 और 1929 में नोबेल न मिलने से रमन थोड़े हताश तो जरूर थे, लेकिन उन्हें अपने नोबेल जीतने का इतना भरोसा था कि अवॉर्ड फंक्शन में जाने के लिए उन्होंने जुलाई, 1930 में ही टिकट बुक करा लिया था, जबकि अवॉर्ड्स की घोषणा साल के अंत में हुई। साइंस में नोबेल पाने वाले रमन पहले एशियाई और अश्वेत थे। हालांकि 1913 में रवींद्रनाथ टैगोर को साहित्य का नोबेल मिल चुका था।
रनम प्रभाव की खोज 28 फरवरी 1928 को हुई थी। इस महान खोज की याद में 28 फरवरी को नैशनल साइंस डे मनाया जाता है। 1954 में पहली बार जिन तीन लोगों को भारत रत्न पुरस्कार दिए गए, उनमें रमन भी शामिल थे।

चंद्रशेखर वेंकट रमन का जन्म 7 नवंबर, 1888 को तमिलनाडु में हुआ था। उनका निधन 21 नवंबर, 1970 को हुआ था। कम उम्र से ही उनकी रुचि फिजिक्स में हो गई थी।
प्रकाश के प्रकीर्णन और रमन प्रभाव के लिए उन्हें 1930 में फिजिक्स का नोबेल अवॉर्ड दिया गया। 1928 और 1929 में नोबेल न मिलने से रमन थोड़े हताश तो जरूर थे, लेकिन उन्हें अपने नोबेल जीतने का इतना भरोसा था कि अवॉर्ड फंक्शन में जाने के लिए उन्होंने जुलाई, 1930 में ही टिकट बुक करा लिया था, जबकि अवॉर्ड्स की घोषणा साल के अंत में हुई। साइंस में नोबेल पाने वाले रमन पहले एशियाई और अश्वेत थे। हालांकि 1913 में रवींद्रनाथ टैगोर को साहित्य का नोबेल मिल चुका था।
रनम प्रभाव की खोज 28 फरवरी 1928 को हुई थी। इस महान खोज की याद में 28 फरवरी को नैशनल साइंस डे मनाया जाता है। 1954 में पहली बार जिन तीन लोगों को भारत रत्न पुरस्कार दिए गए, उनमें रमन भी शामिल थे।
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