मैकफ़ी: अरबपति विज्ञानी या सनकी अय्याश
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मैकफ़ी: अरबपति विज्ञानी या सनकी अय्याश
कौन है जॉन मैकफ़ी ? वो आदमी जो अपने पड़ोसी की हत्या होने के बाद घर से भाग गया था या वो जिसकी किशोरवय गर्लफ्रेंड ने रात को उठकर उसके सिर पर बंदूक तानकर गोली चला दी और वो फिर भी बच गया.
मैकफ़ी ने अरबों रुपयों के एंटी-वायरस उद्योग की नींव रखी. और अब उन्हें लगता है कि वो इंटरनेट पर आपको अदृश्य कर सकते हैं.

कौन है जॉन मैकफ़ी ? वो आदमी जो अपने पड़ोसी की हत्या होने के बाद घर से भाग गया था या वो जिसकी किशोरवय गर्लफ्रेंड ने रात को उठकर उसके सिर पर बंदूक तानकर गोली चला दी और वो फिर भी बच गया.
मैकफ़ी ने अरबों रुपयों के एंटी-वायरस उद्योग की नींव रखी. और अब उन्हें लगता है कि वो इंटरनेट पर आपको अदृश्य कर सकते हैं.
तकनीकी जगत में वो पहले ही एक किंवदंती बन चुके हैं. लेकिन आम लोगों में चर्चा का विषय तब बने जब वो पुलिस के सवालों के जवाब देने की बजाय पीले दांतों, रंगे हुए बालों और पुराने कपड़ों में अपने मध्य अमरीका स्थित देश बेलीज़ से भाग गए. उनके अनुसार बेलीज़ के पुलिस वाले भ्रष्ट हैं.
उन्होंने बीबीसी से कहा कि उनका बेलीज़ में उनके पड़ोसी की हत्या से "कोई भी वास्ता नहीं है." पुलिस का कहना है कि वो अभी भी "पर्सन ऑफ़ इंट्रेस्ट" और उनसे हत्या के सिलसिले में बात करना ज़रूरी हैं.
वहीं अमरीका में उन्होंने इंटरनेट पर एक ऐसा वीडियो लगाया जिसमें उनकी युवा महिला "मित्र" अधनंगे मैकफ़ी को सहलाती हुई दिखती हैं. भविष्य के लिए उनकी योजना है कि वो अमरीकी एजेंसी एनएसए की इंटरनेट पर जासूसी को प्रभावहीन बना देंगे.
इन बातों से ऐसा लग सकता है कि वो एक सनकी या पागल हैं.
मैकफ़ी का कई बार क्लिक करेंइंटरव्यू कर चुके एक पत्रकार का कहना है कि वो बातें बनाने में माहिर हैं, वो धोखा देते हैं और झूठ बोलते हैं.
तकनीकी जगत में वो पहले ही एक किंवदंती बन चुके हैं. लेकिन आम लोगों में चर्चा का विषय तब बने जब वो पुलिस के सवालों के जवाब देने की बजाय पीले दांतों, रंगे हुए बालों और पुराने कपड़ों में अपने मध्य अमरीका स्थित देश बेलीज़ से भाग गए. उनके अनुसार बेलीज़ के पुलिस वाले भ्रष्ट हैं.
उन्होंने बीबीसी से कहा कि उनका बेलीज़ में उनके पड़ोसी की हत्या से "कोई भी वास्ता नहीं है." पुलिस का कहना है कि वो अभी भी "पर्सन ऑफ़ इंट्रेस्ट" और उनसे हत्या के सिलसिले में बात करना ज़रूरी हैं.
वहीं अमरीका में उन्होंने इंटरनेट पर एक ऐसा वीडियो लगाया जिसमें उनकी युवा महिला "मित्र" अधनंगे मैकफ़ी को सहलाती हुई दिखती हैं. भविष्य के लिए उनकी योजना है कि वो अमरीकी एजेंसी एनएसए की इंटरनेट पर जासूसी को प्रभावहीन बना देंगे.
इन बातों से ऐसा लग सकता है कि वो एक सनकी या पागल हैं.
मैकफ़ी का कई बार क्लिक करेंइंटरव्यू कर चुके एक पत्रकार का कहना है कि वो बातें बनाने में माहिर हैं, वो धोखा देते हैं और झूठ बोलते हैं.
ग्वाटेमाला जेल से छूटने के बाद अमरीका पहुँचे मैकफी.
मैकफ़ी खुद भी स्वीकार करते हैं, "मुझे पैरॉनॉयड, स्कीजोफ्रेनिक और सिलिकॉन वैली का बिगड़ा बच्चा कहा जाता रहा है."
लेकिन खुद के बारे में उनका ख़्याल अलग है, "मैं एक आंट्रप्रनर हूँ. मैं हमेशा यही था. मैं जिज्ञासु हूँ और मुझे सवाल हल करने में मजा आता है."
वो कहते हैं, "मुझे लगता है कि जब हम घर से निकलकर सड़क पर आते हैं, सबसे हटकर सोचते हैं, आत्मनिर्भर बनते हैं और उन रास्तों पर चलते हैं जिनपर चलने का ख़तरा दूसरे नहीं उठाएँगे तभी असली विकास होता है. और कई बार सच्चा सौंदर्य भी मिलता है."
मैकफ़ी का मानना है, "हम ऐसे लोगों की कमी महसूस कर रहे हैं जो उन बीहड़ रास्तों पर यह जानने के लिए चल पड़ें कि वहाँ क्या है."
मध्य अमरीका के छोटे से देश बेलीज़ में मैकफ़ी के साथ रह चुकी पूर्व-यौनकर्मी एमी एम्शविलर कहती हैं, "वो बहुत प्यारे हैं, उदार है. उन्हें जोखिम उठाना पसंद है. वो एक गंभीर इंसान हैं और उनका हास्यबोध "भी काफी गंभीर किस्म का है."
ऐसे में सवाल उठता है कि जॉन मैकफ़ी हैं कौन ?
ग्रेगरी फॉल की हत्या के बाद से मैकफ़ी ने जिस तरह का संदेहास्पद व्यवहार किया उसके बाद 68 वर्षीय मैकफ़ी के बारे में कोई ठोस जानकारी पाने के लिए थोड़ा गहराई में जाने की ज़रूरत है.

ग्वाटेमाला जेल से छूटने के बाद अमरीका पहुँचे मैकफी.
मैकफ़ी खुद भी स्वीकार करते हैं, "मुझे पैरॉनॉयड, स्कीजोफ्रेनिक और सिलिकॉन वैली का बिगड़ा बच्चा कहा जाता रहा है."
लेकिन खुद के बारे में उनका ख़्याल अलग है, "मैं एक आंट्रप्रनर हूँ. मैं हमेशा यही था. मैं जिज्ञासु हूँ और मुझे सवाल हल करने में मजा आता है."
वो कहते हैं, "मुझे लगता है कि जब हम घर से निकलकर सड़क पर आते हैं, सबसे हटकर सोचते हैं, आत्मनिर्भर बनते हैं और उन रास्तों पर चलते हैं जिनपर चलने का ख़तरा दूसरे नहीं उठाएँगे तभी असली विकास होता है. और कई बार सच्चा सौंदर्य भी मिलता है."
मैकफ़ी का मानना है, "हम ऐसे लोगों की कमी महसूस कर रहे हैं जो उन बीहड़ रास्तों पर यह जानने के लिए चल पड़ें कि वहाँ क्या है."
मध्य अमरीका के छोटे से देश बेलीज़ में मैकफ़ी के साथ रह चुकी पूर्व-यौनकर्मी एमी एम्शविलर कहती हैं, "वो बहुत प्यारे हैं, उदार है. उन्हें जोखिम उठाना पसंद है. वो एक गंभीर इंसान हैं और उनका हास्यबोध "भी काफी गंभीर किस्म का है."
ऐसे में सवाल उठता है कि जॉन मैकफ़ी हैं कौन ?
ग्रेगरी फॉल की हत्या के बाद से मैकफ़ी ने जिस तरह का संदेहास्पद व्यवहार किया उसके बाद 68 वर्षीय मैकफ़ी के बारे में कोई ठोस जानकारी पाने के लिए थोड़ा गहराई में जाने की ज़रूरत है.
नशा और निष्कासन
मैकफ़ी का उच्चारण दक्षिणी अमरीकियों जैसा है लेकिन वो आधे ब्रितानी और आधे अमरीकी हैं. उनकी ब्रितानी माँ उनके अमरीकी सैनिक पिता से द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान मिली थीं. उनके पिता युद्ध के दौरान ब्रिटेन में तैनात थे.
मैकफ़ी कहते हैं, "मैं अपने आप को उतना ही ब्रितानी समझता हूँ जितना कि अमरीकी. दोनों देशों में ज़्यादा फर्क भी नहीं है."
मैकफ़ी जब छोटे थे तभी उनका परिवार अमरीका के वर्जीनिया में रहने के लिए लिए चला गया. उनका बचपन बहुत सुखद नहीं रहा था. उनके पिता शराबी और मारपीट करने वाले थे. मैकफ़ी जब 15 साल के थे तब उनके पिता ने खुद को गोलीमार कर आत्महत्या कर ली थी.
मैकफ़ी बताते हैं कि वो खुद भी शराब और ड्रग्स के आदी हो गए थे लेकिन इसके बावजूद उन्होंने पढ़ाई में अच्छा प्रदर्शन करना जारी रखा.
उनका अकादमिक करियर तब ख़त्म हो गया जब 1960 के दशक के अंत में नार्थईस्ट स्टेट लूसियाना स्टेट कॉलेज ने उन्हें गणित में पीएचडी करने के दौरान निष्कासित कर दिया था क्योंकि विश्वविद्यालय को पता लग गया था कि मैकफ़ी के उस स्नातक छात्रा के साथ शारीरिक संबंध थे जिसके वो अकादमिक सलाहकार थे. उन्होंने बाद में उस छात्रा के साथ शादी कर ली थी.

मैकफ़ी का उच्चारण दक्षिणी अमरीकियों जैसा है लेकिन वो आधे ब्रितानी और आधे अमरीकी हैं. उनकी ब्रितानी माँ उनके अमरीकी सैनिक पिता से द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान मिली थीं. उनके पिता युद्ध के दौरान ब्रिटेन में तैनात थे.
मैकफ़ी कहते हैं, "मैं अपने आप को उतना ही ब्रितानी समझता हूँ जितना कि अमरीकी. दोनों देशों में ज़्यादा फर्क भी नहीं है."
मैकफ़ी जब छोटे थे तभी उनका परिवार अमरीका के वर्जीनिया में रहने के लिए लिए चला गया. उनका बचपन बहुत सुखद नहीं रहा था. उनके पिता शराबी और मारपीट करने वाले थे. मैकफ़ी जब 15 साल के थे तब उनके पिता ने खुद को गोलीमार कर आत्महत्या कर ली थी.
मैकफ़ी बताते हैं कि वो खुद भी शराब और ड्रग्स के आदी हो गए थे लेकिन इसके बावजूद उन्होंने पढ़ाई में अच्छा प्रदर्शन करना जारी रखा.
उनका अकादमिक करियर तब ख़त्म हो गया जब 1960 के दशक के अंत में नार्थईस्ट स्टेट लूसियाना स्टेट कॉलेज ने उन्हें गणित में पीएचडी करने के दौरान निष्कासित कर दिया था क्योंकि विश्वविद्यालय को पता लग गया था कि मैकफ़ी के उस स्नातक छात्रा के साथ शारीरिक संबंध थे जिसके वो अकादमिक सलाहकार थे. उन्होंने बाद में उस छात्रा के साथ शादी कर ली थी.
प्रोग्रामिंग करियर
जॉन मैकफी ने गणित पर पीएचडी रोक दिए जाने के बाद प्रोग्रामिंग में करियर बनाया.
विश्वविद्यालय से निकाले जाने के बाद उन्होंने अपनी योग्यता को प्रोग्रामिंग के क्षेत्र में आजमाना शुरू किया. इस तरह वो तकनीकी क्षेत्र की बड़ी कंपनियों जैसे नासा, जनरल इलेक्ट्रिकल, सीमंस, यूनीवैक और ज़ेराक्स के लिए काम करने लगे. दूसरी तरफ उनकी नशाखोरी की आदत जारी थी.
मैकफ़ी कहते हैं, "मेरे ज़्यादातर बॉस भी किसी न किसी तरह के नशे के आदी थे. हम तकनीकी क्षेत्र में थे. तकनीकी क्षेत्र में भी हम अग्रणी थे और निजी जीवन में प्रयोग करने के मामले में भी."
वो बताते हैं, "कई बार मुझे इसे अपनी माँ से छुपाना पड़ता था और कई बार अपनी बीबी से भी. लेकिन हमारे ऑफिसों में तो कई बार लोग लंच के दौरान खुले आम ड्रग्स लेते थे. अजीब ही समय था वो."
लेकिन 1980 का दशक उनकी नशे की लत पर भारी पड़ा. इस दशक की शुरुआत में ही उनकी बीबी उन्हें छोड़ गई. उस दौरान वो जिस ओमेक्स कंपनी में काम करते थे उसने उन्हें निकाल दिया. नशे की बढ़ती लत ने उन्हें इसका उपाय करने पर विवश कर दिया.
मैकफ़ी उस समय को याद करते हुए कहते हैं, "आखिरी बार मैंने सन् 1984 में शराब और ड्रग्स लिया या बेचा था. लेकिन मैंने एकदम ही ये सब बंद कर दिया. मैं अनॉनिमस एल्कोहलिक" नामक संस्था में जाने लगा...और उस दुनिया का मेरा आखिरी अनुभव था."

जॉन मैकफी ने गणित पर पीएचडी रोक दिए जाने के बाद प्रोग्रामिंग में करियर बनाया.
विश्वविद्यालय से निकाले जाने के बाद उन्होंने अपनी योग्यता को प्रोग्रामिंग के क्षेत्र में आजमाना शुरू किया. इस तरह वो तकनीकी क्षेत्र की बड़ी कंपनियों जैसे नासा, जनरल इलेक्ट्रिकल, सीमंस, यूनीवैक और ज़ेराक्स के लिए काम करने लगे. दूसरी तरफ उनकी नशाखोरी की आदत जारी थी.
मैकफ़ी कहते हैं, "मेरे ज़्यादातर बॉस भी किसी न किसी तरह के नशे के आदी थे. हम तकनीकी क्षेत्र में थे. तकनीकी क्षेत्र में भी हम अग्रणी थे और निजी जीवन में प्रयोग करने के मामले में भी."
वो बताते हैं, "कई बार मुझे इसे अपनी माँ से छुपाना पड़ता था और कई बार अपनी बीबी से भी. लेकिन हमारे ऑफिसों में तो कई बार लोग लंच के दौरान खुले आम ड्रग्स लेते थे. अजीब ही समय था वो."
लेकिन 1980 का दशक उनकी नशे की लत पर भारी पड़ा. इस दशक की शुरुआत में ही उनकी बीबी उन्हें छोड़ गई. उस दौरान वो जिस ओमेक्स कंपनी में काम करते थे उसने उन्हें निकाल दिया. नशे की बढ़ती लत ने उन्हें इसका उपाय करने पर विवश कर दिया.
मैकफ़ी उस समय को याद करते हुए कहते हैं, "आखिरी बार मैंने सन् 1984 में शराब और ड्रग्स लिया या बेचा था. लेकिन मैंने एकदम ही ये सब बंद कर दिया. मैं अनॉनिमस एल्कोहलिक" नामक संस्था में जाने लगा...और उस दुनिया का मेरा आखिरी अनुभव था."
एंटी-वॉयरस
तमाम मुश्किलों के बावजूद मैकफ़ी डिफेंस कांट्रैक्टर लॉकहीड मार्टीन के यहाँ नौकरी पाने में कामयाब रहे. उन्हें एक गोपनीय वॉयस-रिकग्निशन प्रोग्राम पर काम करना था.
यहीं पर पहली बार उनका सामना एक ऐसे सेल्फ़-रिप्लीकेटिंग कोड से हुआ जो खुद की कॉपी बना लेता था.
मैकफ़ी कहते हैं, "जब मैंने पहली बार पाकिस्तानी ब्रेन वायरस का नाम सुना उसके पहले न मैंने और न ही तकनीकी क्षेत्र में किसी और ने इसके बारे में सुना था लेकिन मैं इसको लेकर खासा उत्साहित था."
इसके बाद उन्होंने इस वायरस को नाकाम करने का तरीका खोजा और इसे बुलेटिन बोर्ड(इंटरनेट का पूर्वज) के माध्यम से सभी के लिए उपलब्ध कराया.
तकनीकी क्षेत्र की इस नई समस्या से प्रेरित होकर उन्होंने अपना कारोबार शुरू किया और इस तरह मैकफ़ी एसोशिएट्स की स्थापना हुई. इस कंपनी को उन्होंने कई साल बाद इंटेल को 7.6 अरब डॉलर में बेचा.
मैकफ़ी कहते हैं, "मुझे पता था कि यह क्षेत्र बहुत बढ़ने वाला है क्योंकि लोग अपनी आदतों से बाज नहीं आते. लोगों को खुराफ़ात करना पसंद है. यानी कंप्यूटर वायरस ख़त्म नहीं होने वाले थे बल्कि बढ़ने ही वाले थे."
हालाँकि मैकफ़ी बताते हैं वो ऐसे किसी उत्पाद का प्रयोग नही करते जो उनकी हमनाम कंपनी मैकफ़ी ने बनाया हो.
मैकफ़ी कहते हैं, "मैं हमेशा वायरस हमलों का सामना करता हूँ लेकिन इनसे बचने के लिए किसी सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल नहीं करता. मैं दूसरे कई तरीकों से अपना बचाव करता हूँ. जैसे लगातार आईपी एड्रेस बदलना, किसी डिवाइस से अपना नाम न जोड़ना, ऐसी वेबसाइटों पर न जाना जहाँ वायरस आने का ख़तरा हो जैसे कि पॉर्न वेबसाइट्स."
सन् 1994 में अपनी कंपनी बेचने के बाद मैकफ़ी कुछ अन्य कंपनियों की खरीद-फरोख्त की जैसे, एक इंस्टैंट मैसेजिंग सिस्टम, फायरवाल प्रोवाइडर इत्यादि.
इसके बाद वो दक्षिण अमरीका की तरफ चले गए.

तमाम मुश्किलों के बावजूद मैकफ़ी डिफेंस कांट्रैक्टर लॉकहीड मार्टीन के यहाँ नौकरी पाने में कामयाब रहे. उन्हें एक गोपनीय वॉयस-रिकग्निशन प्रोग्राम पर काम करना था.
यहीं पर पहली बार उनका सामना एक ऐसे सेल्फ़-रिप्लीकेटिंग कोड से हुआ जो खुद की कॉपी बना लेता था.
मैकफ़ी कहते हैं, "जब मैंने पहली बार पाकिस्तानी ब्रेन वायरस का नाम सुना उसके पहले न मैंने और न ही तकनीकी क्षेत्र में किसी और ने इसके बारे में सुना था लेकिन मैं इसको लेकर खासा उत्साहित था."
इसके बाद उन्होंने इस वायरस को नाकाम करने का तरीका खोजा और इसे बुलेटिन बोर्ड(इंटरनेट का पूर्वज) के माध्यम से सभी के लिए उपलब्ध कराया.
तकनीकी क्षेत्र की इस नई समस्या से प्रेरित होकर उन्होंने अपना कारोबार शुरू किया और इस तरह मैकफ़ी एसोशिएट्स की स्थापना हुई. इस कंपनी को उन्होंने कई साल बाद इंटेल को 7.6 अरब डॉलर में बेचा.
मैकफ़ी कहते हैं, "मुझे पता था कि यह क्षेत्र बहुत बढ़ने वाला है क्योंकि लोग अपनी आदतों से बाज नहीं आते. लोगों को खुराफ़ात करना पसंद है. यानी कंप्यूटर वायरस ख़त्म नहीं होने वाले थे बल्कि बढ़ने ही वाले थे."
हालाँकि मैकफ़ी बताते हैं वो ऐसे किसी उत्पाद का प्रयोग नही करते जो उनकी हमनाम कंपनी मैकफ़ी ने बनाया हो.
मैकफ़ी कहते हैं, "मैं हमेशा वायरस हमलों का सामना करता हूँ लेकिन इनसे बचने के लिए किसी सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल नहीं करता. मैं दूसरे कई तरीकों से अपना बचाव करता हूँ. जैसे लगातार आईपी एड्रेस बदलना, किसी डिवाइस से अपना नाम न जोड़ना, ऐसी वेबसाइटों पर न जाना जहाँ वायरस आने का ख़तरा हो जैसे कि पॉर्न वेबसाइट्स."
सन् 1994 में अपनी कंपनी बेचने के बाद मैकफ़ी कुछ अन्य कंपनियों की खरीद-फरोख्त की जैसे, एक इंस्टैंट मैसेजिंग सिस्टम, फायरवाल प्रोवाइडर इत्यादि.
इसके बाद वो दक्षिण अमरीका की तरफ चले गए.
प्रयोगशाला और छापा
मैकफी की प्रयोगशाला पर बेलीज़ पुलिस ने छापा मारा था.
सन् 2008 में पचास साल से ज़्यादा की उम्र में मैकफ़ी बेलीज़ के जंगलों में एक दूसरे ही तरह के संक्रमण का इलाज करने के लिए पहुँच गए थे.
मैकफ़ी कहते हैं, "मुझे पता चला कि जीवाणु भी एक खास तकनीक से आपस में संवाद करते हैं. दस साल पहले तक हमें इसे बारे में नहीं पता था. लेकिन जीवाणु का संचार तंत्र काफ़ी विकसित होता है. मैं इस पर शोध करके इसके एंटीबॉयोटिक्स बनाना चाहता था."
मैकफ़ी बताते हैं कि उन्होंने बेलीज़ का अपने शोध के लिए माकूल जगह मिल गई थी. लेकिन सब कुछ उनकी योजना के अनुसार नहीं हुआ था.
उनकी माइक्रोबॉयलॉजिस्ट एलीसन एडोनिज़ियो के छोड़कर जाने के बाद से उनकी मुसीबतें और बढ़ गईं.
मुसीबत की शुरुआत तब हुई जब कुछ पत्रकारों को बेलीज़ स्थित अपने परिसर में बुलाया. उन पत्रकारों ने इस यात्रा के बाद ऐसी कहानियाँ लिखीं जिससे उनकी अज्ञानता का ही पता चलता था.
हालाँकि फिलहाल फ़िडलाडेल्फ़िया में रह रही डॉक्टर एडोनिज़ियो ने इस लेख के लिए इंटरव्यू देने के मना कर दिया.

मैकफी की प्रयोगशाला पर बेलीज़ पुलिस ने छापा मारा था.
सन् 2008 में पचास साल से ज़्यादा की उम्र में मैकफ़ी बेलीज़ के जंगलों में एक दूसरे ही तरह के संक्रमण का इलाज करने के लिए पहुँच गए थे.
मैकफ़ी कहते हैं, "मुझे पता चला कि जीवाणु भी एक खास तकनीक से आपस में संवाद करते हैं. दस साल पहले तक हमें इसे बारे में नहीं पता था. लेकिन जीवाणु का संचार तंत्र काफ़ी विकसित होता है. मैं इस पर शोध करके इसके एंटीबॉयोटिक्स बनाना चाहता था."
मैकफ़ी बताते हैं कि उन्होंने बेलीज़ का अपने शोध के लिए माकूल जगह मिल गई थी. लेकिन सब कुछ उनकी योजना के अनुसार नहीं हुआ था.
उनकी माइक्रोबॉयलॉजिस्ट एलीसन एडोनिज़ियो के छोड़कर जाने के बाद से उनकी मुसीबतें और बढ़ गईं.
मुसीबत की शुरुआत तब हुई जब कुछ पत्रकारों को बेलीज़ स्थित अपने परिसर में बुलाया. उन पत्रकारों ने इस यात्रा के बाद ऐसी कहानियाँ लिखीं जिससे उनकी अज्ञानता का ही पता चलता था.
हालाँकि फिलहाल फ़िडलाडेल्फ़िया में रह रही डॉक्टर एडोनिज़ियो ने इस लेख के लिए इंटरव्यू देने के मना कर दिया.
उत्तेजनावर्धक दवा
अप्रैल, 2012 में यह मामला तब सामने आया जब बेलीज़ पुलिस ने मैकफ़ी के शोध संस्थान पर छापा मारा.
मैकफ़ी बताते हैं कि अधिकारियों का कहना था कि उन्हें शक है कि इस शोध संस्थान में अवैध उत्तेजनावर्धक दवा मेथैमफ़ेटाइन बनाया जा रहा है.
वो बताते हैं कि पुलिस वालों ने उनके कुत्ते को गोली मार दी, उनका पासपोर्ट और लाइसेंसी हथियार जब्त कर लिया. पुलिस ने उनके ऊपर से आरोप वापस लेने से पहले कुछ दिन तक उन्हें जेल में भी रखा.
मैकफ़ी कहते हैं, "हर कोई जानता था कि यह बॉयोटेक लैब है. मैंने आधे गाँव को उसमें नौकरी दी थी. वो सब जानते थे कि वहाँ क्या होता था. मुझे यकीन नहीं होता कि पुलिस को लगता कि वहाँ मेथ बनती थी."
मैकथी कहते हैं, "बेलीज़ में कुछ लोगों का राज है. यह बहुत ही ख़तरनाक और भ्रष्ट जगह है मैं पहले से यह जानता था. मेरे सभी दोस्तों ने भी मुझे वहाँ जाने से मना किया था. मुझे लगा था कि मैं इतना स्मार्ट हूँ कि सभी दिक्कतों से पार पा लूँगा. दुर्भाग्यवश, मैं ग़लत था."
मैकफ़ी बताते हैं, "जब मुझसे दोबारा पैसे माँगे गए तो मैंने मामले को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय जगत में सार्वजनिक कर दिया."
बेलीज़ की मुख्य विपक्षी दल के अख़बार दि बेलीज़ टाइम्स ने इन घटनाओं को "मैकफ़ी के ऊपर बर्बर हमला" कहा. अख़बार ने मैकफ़ी के संग हुए व्यवहार को पर्यटन उद्योग के लिए ख़तरा बताया.
वहीं मैकफ़ी कहते हैं, "काश कि मैं थोड़ा और स्मार्ट होता."

अप्रैल, 2012 में यह मामला तब सामने आया जब बेलीज़ पुलिस ने मैकफ़ी के शोध संस्थान पर छापा मारा.
मैकफ़ी बताते हैं कि अधिकारियों का कहना था कि उन्हें शक है कि इस शोध संस्थान में अवैध उत्तेजनावर्धक दवा मेथैमफ़ेटाइन बनाया जा रहा है.
वो बताते हैं कि पुलिस वालों ने उनके कुत्ते को गोली मार दी, उनका पासपोर्ट और लाइसेंसी हथियार जब्त कर लिया. पुलिस ने उनके ऊपर से आरोप वापस लेने से पहले कुछ दिन तक उन्हें जेल में भी रखा.
मैकफ़ी कहते हैं, "हर कोई जानता था कि यह बॉयोटेक लैब है. मैंने आधे गाँव को उसमें नौकरी दी थी. वो सब जानते थे कि वहाँ क्या होता था. मुझे यकीन नहीं होता कि पुलिस को लगता कि वहाँ मेथ बनती थी."
मैकथी कहते हैं, "बेलीज़ में कुछ लोगों का राज है. यह बहुत ही ख़तरनाक और भ्रष्ट जगह है मैं पहले से यह जानता था. मेरे सभी दोस्तों ने भी मुझे वहाँ जाने से मना किया था. मुझे लगा था कि मैं इतना स्मार्ट हूँ कि सभी दिक्कतों से पार पा लूँगा. दुर्भाग्यवश, मैं ग़लत था."
मैकफ़ी बताते हैं, "जब मुझसे दोबारा पैसे माँगे गए तो मैंने मामले को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय जगत में सार्वजनिक कर दिया."
बेलीज़ की मुख्य विपक्षी दल के अख़बार दि बेलीज़ टाइम्स ने इन घटनाओं को "मैकफ़ी के ऊपर बर्बर हमला" कहा. अख़बार ने मैकफ़ी के संग हुए व्यवहार को पर्यटन उद्योग के लिए ख़तरा बताया.
वहीं मैकफ़ी कहते हैं, "काश कि मैं थोड़ा और स्मार्ट होता."
नया संबंध
बेलीज़ से भागने के बाद भी मैकीफ लगातार मीडिया को इंटरव्यू देते रहे.
मैकफ़ी के शोध परिसर पर जब छापा पड़ा था करीब उसी समय एक 16 वर्षीय पूर्व-यौनकर्मी एमी एम्शविलर के साथ उनका संबंध शुरू हुआ था.
एमी एम्शविलर कहती हैं, "मैं एक बार में पार्टी कर रही थी, शराब पी रही थी तभी बार का मालिक आया और बोला कि मेरे एक दोस्त को तुम पसंद हो और वो तुमसे मिलना चाहता है."
एम्शविलर बताती हैं, "मैंने उन्हें मेरी असली उम्र नहीं पता था, मैंने उनसे झूठ बोला कि मेरी उम्र 18 साल है. उन्हें लगा कि इसमें कोई दिक्कत नहीं...मैंने उन्हें अपनी असली उम्र तब बताई जब वो मेरे प्यार में पड़ चुके थे."
एमेशविलर कहती हैं, "जब उन्हें मेरी असली उम्र पता चली तो वो सदमे में आ गए. उन्हें समझ में ही नहीं आ रहा था कि क्या करें..."
मैकफ़ी की लंबे समय तक अमरीकी गर्लफ्रेंड ने उन्हें छोड़ दिया था और यह नया संबंध भी हस्बेमामूल काफी जटिल साबित हुआ.
एमी एमेशविलर ने एक रात मैकफ़ी की बंदूक निकाली, उनके सिर पर निशाना साधा, अपनी आँखे बंद कीं और ट्रिगर दबा दिया. लेकिन वो निशाना चूक गईं.

बेलीज़ से भागने के बाद भी मैकीफ लगातार मीडिया को इंटरव्यू देते रहे.
मैकफ़ी के शोध परिसर पर जब छापा पड़ा था करीब उसी समय एक 16 वर्षीय पूर्व-यौनकर्मी एमी एम्शविलर के साथ उनका संबंध शुरू हुआ था.
एमी एम्शविलर कहती हैं, "मैं एक बार में पार्टी कर रही थी, शराब पी रही थी तभी बार का मालिक आया और बोला कि मेरे एक दोस्त को तुम पसंद हो और वो तुमसे मिलना चाहता है."
एम्शविलर बताती हैं, "मैंने उन्हें मेरी असली उम्र नहीं पता था, मैंने उनसे झूठ बोला कि मेरी उम्र 18 साल है. उन्हें लगा कि इसमें कोई दिक्कत नहीं...मैंने उन्हें अपनी असली उम्र तब बताई जब वो मेरे प्यार में पड़ चुके थे."
एमेशविलर कहती हैं, "जब उन्हें मेरी असली उम्र पता चली तो वो सदमे में आ गए. उन्हें समझ में ही नहीं आ रहा था कि क्या करें..."
मैकफ़ी की लंबे समय तक अमरीकी गर्लफ्रेंड ने उन्हें छोड़ दिया था और यह नया संबंध भी हस्बेमामूल काफी जटिल साबित हुआ.
एमी एमेशविलर ने एक रात मैकफ़ी की बंदूक निकाली, उनके सिर पर निशाना साधा, अपनी आँखे बंद कीं और ट्रिगर दबा दिया. लेकिन वो निशाना चूक गईं.
संबंध जारी रहा
इस घटना के बाद भी मैकफ़ी ने एमेशविलर के साथ अपना संबंध ख़त्म नहीं किया.
वो कहते हैं, "एमी बेलीज़ उन लड़कियों में से एक है जिनका दर्दनाक इतिहास रहा है. अगर मैं आप को बताऊँ तो आप यकीन नहीं करेंगे. वह ठीक नहीं होने वाली. उसे समस्यायें रहेंगी."
मैकफ़ी बताते हैं, "जब उसने मेरे सिर पर बंदूक तानी थी मुझे उसमें एक डरा हुई बच्ची नज़र आ रही थी. अगर मैं उसे घर से निकाल देता तो वह बदल नहीं जाती...और उसने किया ही क्या, बस मेरा कान सुन्न कर दिया. अब मैं एक ही कान से सुन पाता हूँ. केवल मनुष्य के पास ही माफ करने की क्षमता है."
एम्शविलर ने इस बात की पुष्टि की है कि वो मैकफ़ी को केवल खरोंच पहुँचाना चाहती थीं क्योंकि उन्होंने(मैकफ़ी) उनसे कहा था कि अब वो दूसरी लड़की को पाना चाहता है.
एम्शविलर बताती हैं कि यह पहला मौका नहीं था जब उनकी ईर्ष्या उन पर हावी हो गई थी.
वो बताती हैं, "मैं पहले भी एक बार उनके गले पर चाकू रख चुकी हैं."
8 नवंबर, 2012 को मैकफ़ी एक बार फिर तब सुर्खियों में आए जब उन्होंने 40 स्टन गन(बंदूक) एवं कुछ अन्य सामान पुलिस को सौंपा.
स्थानीय मेयर डेनियल गुएरेर्रो ने इसके लिए उनके प्रति आभार प्रकट किया था. इस घटना के बाद स्थानीय अख़बारों ने ख़बर छापी कि आखिरकार दोनों पक्षों ने अपनी रंजिश को ख़त्म कर दी है.

इस घटना के बाद भी मैकफ़ी ने एमेशविलर के साथ अपना संबंध ख़त्म नहीं किया.
वो कहते हैं, "एमी बेलीज़ उन लड़कियों में से एक है जिनका दर्दनाक इतिहास रहा है. अगर मैं आप को बताऊँ तो आप यकीन नहीं करेंगे. वह ठीक नहीं होने वाली. उसे समस्यायें रहेंगी."
मैकफ़ी बताते हैं, "जब उसने मेरे सिर पर बंदूक तानी थी मुझे उसमें एक डरा हुई बच्ची नज़र आ रही थी. अगर मैं उसे घर से निकाल देता तो वह बदल नहीं जाती...और उसने किया ही क्या, बस मेरा कान सुन्न कर दिया. अब मैं एक ही कान से सुन पाता हूँ. केवल मनुष्य के पास ही माफ करने की क्षमता है."
एम्शविलर ने इस बात की पुष्टि की है कि वो मैकफ़ी को केवल खरोंच पहुँचाना चाहती थीं क्योंकि उन्होंने(मैकफ़ी) उनसे कहा था कि अब वो दूसरी लड़की को पाना चाहता है.
एम्शविलर बताती हैं कि यह पहला मौका नहीं था जब उनकी ईर्ष्या उन पर हावी हो गई थी.
वो बताती हैं, "मैं पहले भी एक बार उनके गले पर चाकू रख चुकी हैं."
8 नवंबर, 2012 को मैकफ़ी एक बार फिर तब सुर्खियों में आए जब उन्होंने 40 स्टन गन(बंदूक) एवं कुछ अन्य सामान पुलिस को सौंपा.
स्थानीय मेयर डेनियल गुएरेर्रो ने इसके लिए उनके प्रति आभार प्रकट किया था. इस घटना के बाद स्थानीय अख़बारों ने ख़बर छापी कि आखिरकार दोनों पक्षों ने अपनी रंजिश को ख़त्म कर दी है.
मृत पड़ोसी
जॉन मैकफी के पड़ोसी ग्रेगरी फॉल अपने घर में मृत पाए गए थे.
इसके कुछ दिन बाद ही मैकफ़ी के पड़ोसी फॉल अपने घर में मृत पाए गए थे.
पुलिस के अनुसार घटनास्थल पर 9एमएम का एक खोखा बरामद हुआ था. घर से एक मोबाइल और लैपटाप गायब थे लेकिन जबरी घुसपैठ का कोई सूत्र नहीं मिला.
स्थानीय पुलिस प्रमुख ने एक स्थानीय अख़बार को बताया था कि वो इस घटना की जाँच के सिलसिले में मैकफ़ी से बात करना चाहते थे लेकिन जब उनके घर पर फ़ोन किया गाय तो कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली.
अगली दिन वायर्ड पत्रिका में छपी एक ख़बर के अनुसार मैकफ़ी वो पुलिसवालोंका आता देख अपने अहाते मे रखे बालू के ढेर में छुप गए थे. उन्होंने छुपने के लिए अपने सिर पर गत्ते का टुकड़ा रख लिया था.
मैकफ़ी कहते हैं, "मेरे जेहर नें सबसे पहली यही आया कि हे भगवान, सरकार ने आख़िरकार मुझसे छुटकारा पाना तय कर लिया है. सरकारें समय-समय पर ऐसा करती रहती हैं."
मैकफ़ी यह स्वीकार करते हैं कि उनका अपने पड़ोसी फॉल से अच्छा संबंध नहीं था. लेकिन उन्होंने इस बात से इनकार किया कि वो एक-दूसरे से नफरत करते थे. हालाँकि उन्हें शक है कि फॉल ने ही एम्शविलर के कुत्ते को जहरीला पदार्थ खिला दिया था.
मैकफ़ी कहते हैं, "मैं पूरे पाँच साल रहा लेकिन उनसे मैंने मुश्किल से 15 शब्द बोले होंगे."
दरअसल एबीसी न्यूज़ ने इस बात का उद्घाटन किया कि फॉल ने घटना के एक महीने पहले ही मेयर गुएरेर्रो के पास मैकफ़ी के ख़िलाफ़ शिकायत दर्ज कराई थी.
इस शिकायत के अनुसार मैकफ़ी के कुत्ते ने पर्यटकों पर हमला किया था, उसने सुरक्षाकर्मियों ने दूसरे निवासियों को भयभीत कर दिया है. ये सुरक्षाकर्मी शॉटगन लेकर चलते हैं और लोगों की आँखों में टार्च की रोशनी चमकाते रहते हैं. और मैकफ़ी के घर पर रात भर लोगों का आना-जाना लगा रहता है जिससे लोगों को दिक्कत होती है.
मैकफ़ी कहते हैं, "मुझे इसके बारे में अमरीका आने के कई हफ्तों बाद पता चला...बेलीज़ कोई अमरीका नहीं जहाँ पुलिस में शिकायत करने के बाद पुलिस तुरंत कार्रवाई करे. वहाँ तो शिकायतें दराज की शोभा बढ़ाती हैं."

जॉन मैकफी के पड़ोसी ग्रेगरी फॉल अपने घर में मृत पाए गए थे.
इसके कुछ दिन बाद ही मैकफ़ी के पड़ोसी फॉल अपने घर में मृत पाए गए थे.
पुलिस के अनुसार घटनास्थल पर 9एमएम का एक खोखा बरामद हुआ था. घर से एक मोबाइल और लैपटाप गायब थे लेकिन जबरी घुसपैठ का कोई सूत्र नहीं मिला.
स्थानीय पुलिस प्रमुख ने एक स्थानीय अख़बार को बताया था कि वो इस घटना की जाँच के सिलसिले में मैकफ़ी से बात करना चाहते थे लेकिन जब उनके घर पर फ़ोन किया गाय तो कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली.
अगली दिन वायर्ड पत्रिका में छपी एक ख़बर के अनुसार मैकफ़ी वो पुलिसवालोंका आता देख अपने अहाते मे रखे बालू के ढेर में छुप गए थे. उन्होंने छुपने के लिए अपने सिर पर गत्ते का टुकड़ा रख लिया था.
मैकफ़ी कहते हैं, "मेरे जेहर नें सबसे पहली यही आया कि हे भगवान, सरकार ने आख़िरकार मुझसे छुटकारा पाना तय कर लिया है. सरकारें समय-समय पर ऐसा करती रहती हैं."
मैकफ़ी यह स्वीकार करते हैं कि उनका अपने पड़ोसी फॉल से अच्छा संबंध नहीं था. लेकिन उन्होंने इस बात से इनकार किया कि वो एक-दूसरे से नफरत करते थे. हालाँकि उन्हें शक है कि फॉल ने ही एम्शविलर के कुत्ते को जहरीला पदार्थ खिला दिया था.
मैकफ़ी कहते हैं, "मैं पूरे पाँच साल रहा लेकिन उनसे मैंने मुश्किल से 15 शब्द बोले होंगे."
दरअसल एबीसी न्यूज़ ने इस बात का उद्घाटन किया कि फॉल ने घटना के एक महीने पहले ही मेयर गुएरेर्रो के पास मैकफ़ी के ख़िलाफ़ शिकायत दर्ज कराई थी.
इस शिकायत के अनुसार मैकफ़ी के कुत्ते ने पर्यटकों पर हमला किया था, उसने सुरक्षाकर्मियों ने दूसरे निवासियों को भयभीत कर दिया है. ये सुरक्षाकर्मी शॉटगन लेकर चलते हैं और लोगों की आँखों में टार्च की रोशनी चमकाते रहते हैं. और मैकफ़ी के घर पर रात भर लोगों का आना-जाना लगा रहता है जिससे लोगों को दिक्कत होती है.
मैकफ़ी कहते हैं, "मुझे इसके बारे में अमरीका आने के कई हफ्तों बाद पता चला...बेलीज़ कोई अमरीका नहीं जहाँ पुलिस में शिकायत करने के बाद पुलिस तुरंत कार्रवाई करे. वहाँ तो शिकायतें दराज की शोभा बढ़ाती हैं."
छुपकर भागना
इस घटना के बाद मैकफ़ी बेलज़ी से भाग गए. उनका कहना है कि अगर वो पकड़ लिए जाते और जेल में डाल दिए जाते तो उनकी आवाज़ "दबा" दी जाती.
यह ख़बर दुनिया भर की मीडिया में छाई रही. इस दौरान वो लगातार ब्लॉग लिखते रहे और इंटरव्यू देते रहे. वो बताते हैं कि उन्होंने ऐसा इसलिए किया क्योंकि वो नहीं चाहते थे कि उन्हें गायब कर दिया जाए.
मैकफ़ी बताते हैं, "मैंने भागने के लिए एक खस्ताहाल सेल्समैन का बहरूप धरा था. आप तो जानते ही हैं कि मेरी तस्वीर हर जगह थी, पुलिस और सेना के पास भी थी. मैं एक लिहाज से भूमिगत था इसलिए मुझे अलग दिखना ज़रूरी था."
इस मामले के बारे में पूछे जाने पर बेलीज़ के प्रधानंत्री डीन बॉरो ने स्पष्ट किया कि मैकफ़ी इस मामले में आधिकारिक संदिग्ध नहीं हैं. वो केवल "पर्सन ऑफ इंट्रेस्ट" के रूप में वर्गीकृत थे.
इस दौरान मैकफ़ी एम्शविलर से मिलते रहे.
एम्शविलर कहती हैं, "उन्हें अफसोस है कि वो मैकफ़ी के साथ अमरीका नहीं गई."
बेलीज़ से भागने के बाद मैकफ़ी को ग्वेटमाला में गिरफ्तार भी हो गए थे. लोगों की आशंका थी कि उन्हें बेलज़ी भेजा जाएगा लेकिन एक एक हफ्ते बाद ही वो एक आजाद आदमी के रूप में मियामी की यात्रा कर रहे थे.

इस घटना के बाद मैकफ़ी बेलज़ी से भाग गए. उनका कहना है कि अगर वो पकड़ लिए जाते और जेल में डाल दिए जाते तो उनकी आवाज़ "दबा" दी जाती.
यह ख़बर दुनिया भर की मीडिया में छाई रही. इस दौरान वो लगातार ब्लॉग लिखते रहे और इंटरव्यू देते रहे. वो बताते हैं कि उन्होंने ऐसा इसलिए किया क्योंकि वो नहीं चाहते थे कि उन्हें गायब कर दिया जाए.
मैकफ़ी बताते हैं, "मैंने भागने के लिए एक खस्ताहाल सेल्समैन का बहरूप धरा था. आप तो जानते ही हैं कि मेरी तस्वीर हर जगह थी, पुलिस और सेना के पास भी थी. मैं एक लिहाज से भूमिगत था इसलिए मुझे अलग दिखना ज़रूरी था."
इस मामले के बारे में पूछे जाने पर बेलीज़ के प्रधानंत्री डीन बॉरो ने स्पष्ट किया कि मैकफ़ी इस मामले में आधिकारिक संदिग्ध नहीं हैं. वो केवल "पर्सन ऑफ इंट्रेस्ट" के रूप में वर्गीकृत थे.
इस दौरान मैकफ़ी एम्शविलर से मिलते रहे.
एम्शविलर कहती हैं, "उन्हें अफसोस है कि वो मैकफ़ी के साथ अमरीका नहीं गई."
बेलीज़ से भागने के बाद मैकफ़ी को ग्वेटमाला में गिरफ्तार भी हो गए थे. लोगों की आशंका थी कि उन्हें बेलज़ी भेजा जाएगा लेकिन एक एक हफ्ते बाद ही वो एक आजाद आदमी के रूप में मियामी की यात्रा कर रहे थे.
नायक या खलनायक
बेलीज़ के प्रधानमंत्री ने कहा कि मैकफी हत्या के मामले में आधिकारिक अभियुक्त नहीं हैं.
फॉल की मौत की जाँच जारी है और मैकफ़ी अभी भी इस मामले में "पर्सन ऑफ इंट्रेस्ट" हैं. बेलीज़ सरकार के प्रवक्ता ने बीबीसी को बताया कि "अगर मैकफ़ी बेलीज़ पुलिस के सवालों का जवाब देते हैं तो इससे पुलिस को जाँच में सहायता मिलेगी."
जाहिर है कि जब तक यह मामला हल नहीं हो जाता मैकफ़ी संदेह के घेरे में रहेंगे. लेकिन वो कहते हैं कि उन्हें इसके साथ भी जी लेंगे.
मैकफ़ी कहते हैं, "यह तो हमेशा ही होता है कि कुछ लोग आपको पसंद करते हैं और कुछ लोग नापसंद. कुछ लोग सोचते हैं कि आप नायक हैं, कुछ लोग सोचते हैं कि आप खलनायक हैं. ऐसी स्थिति में मैं बस यही कह सकता हूँ कि मैं बेगुनाह हूँ."
इस समय मैकफ़ी कनाडा की एक कंपनी के साथ मिलकर अपने बेलीज़ कालीन जीवन पर एक डॉक्यूमेंट्री और एक फिल्म बनाने के लिए बात कर रहे हैं.
मैकफ़ी सिलिकॉन वैली में भी फिर से सक्रिय हैं. उन्होंने 100 डॉलर का ऐसा गैजेट बनाने कि घोषणा की है जो इंटनरेट उपभोक्ताओं को इंटरनेट पर अदृश्य बना देगा.
मैकफ़ी कहते हैं, "जिसे आप देख नहीं सकते उसे आप हैक नहीं कर सकते. आप किसी अदृश्य इंटरनेट उपभोक्ता की जासूसी नहीं कर सकते."

बेलीज़ के प्रधानमंत्री ने कहा कि मैकफी हत्या के मामले में आधिकारिक अभियुक्त नहीं हैं.
फॉल की मौत की जाँच जारी है और मैकफ़ी अभी भी इस मामले में "पर्सन ऑफ इंट्रेस्ट" हैं. बेलीज़ सरकार के प्रवक्ता ने बीबीसी को बताया कि "अगर मैकफ़ी बेलीज़ पुलिस के सवालों का जवाब देते हैं तो इससे पुलिस को जाँच में सहायता मिलेगी."
जाहिर है कि जब तक यह मामला हल नहीं हो जाता मैकफ़ी संदेह के घेरे में रहेंगे. लेकिन वो कहते हैं कि उन्हें इसके साथ भी जी लेंगे.
मैकफ़ी कहते हैं, "यह तो हमेशा ही होता है कि कुछ लोग आपको पसंद करते हैं और कुछ लोग नापसंद. कुछ लोग सोचते हैं कि आप नायक हैं, कुछ लोग सोचते हैं कि आप खलनायक हैं. ऐसी स्थिति में मैं बस यही कह सकता हूँ कि मैं बेगुनाह हूँ."
इस समय मैकफ़ी कनाडा की एक कंपनी के साथ मिलकर अपने बेलीज़ कालीन जीवन पर एक डॉक्यूमेंट्री और एक फिल्म बनाने के लिए बात कर रहे हैं.
मैकफ़ी सिलिकॉन वैली में भी फिर से सक्रिय हैं. उन्होंने 100 डॉलर का ऐसा गैजेट बनाने कि घोषणा की है जो इंटनरेट उपभोक्ताओं को इंटरनेट पर अदृश्य बना देगा.
मैकफ़ी कहते हैं, "जिसे आप देख नहीं सकते उसे आप हैक नहीं कर सकते. आप किसी अदृश्य इंटरनेट उपभोक्ता की जासूसी नहीं कर सकते."
संभावना
मैकफ़ी कहते हैं कि उनका यह गैजेट कॉलेज के छात्रों को पसंद आएगा जो अज्ञात रूप से गाने और संगीत डाउनलोड करना चाहते हैं.
उनके अनुसार कॉरपोरेट घरानों को भी यह गैजेट पसंद आएगा जो कॉरपोरेट जासूसी से बचना चहाते हैं.
मैकफ़ी को एडवर्ड स्नोडेन के मामले के संदर्भ में अपने गैजेट की संभावनाओं का अंदाजा है. उनका यह गैजेट ब्रिटेन और अमरीका में नागरिकों पर नज़र रखने वालों के लिए एक चुनौती पेश करेगा.
मैकफ़ी कहते हैं, "ये लोग केवल सत्ता में बने रहने के लिए हर उस चीज पर नज़र रखते हैं जिस पर रख सकते हैं."
हालाँकि यह अभी एक सवाल ही है कि क्या मैकफ़ी ऐसा गैजेट बना पाएँगे ?
क्या एक बार फिर अधिकारियों की खीझ का कारण बनेंगे ?
जॉन मैकफ़ी का पिछला इतिहास यही बताता है कि उनको लेकर किसी भी तरह का अनुमान लगाना मुश्किल है.
मैकफ़ी कहते हैं कि उनका यह गैजेट कॉलेज के छात्रों को पसंद आएगा जो अज्ञात रूप से गाने और संगीत डाउनलोड करना चाहते हैं.
उनके अनुसार कॉरपोरेट घरानों को भी यह गैजेट पसंद आएगा जो कॉरपोरेट जासूसी से बचना चहाते हैं.
मैकफ़ी को एडवर्ड स्नोडेन के मामले के संदर्भ में अपने गैजेट की संभावनाओं का अंदाजा है. उनका यह गैजेट ब्रिटेन और अमरीका में नागरिकों पर नज़र रखने वालों के लिए एक चुनौती पेश करेगा.
मैकफ़ी कहते हैं, "ये लोग केवल सत्ता में बने रहने के लिए हर उस चीज पर नज़र रखते हैं जिस पर रख सकते हैं."
हालाँकि यह अभी एक सवाल ही है कि क्या मैकफ़ी ऐसा गैजेट बना पाएँगे ?
क्या एक बार फिर अधिकारियों की खीझ का कारण बनेंगे ?
जॉन मैकफ़ी का पिछला इतिहास यही बताता है कि उनको लेकर किसी भी तरह का अनुमान लगाना मुश्किल है.
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